इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में रतन टाटा का निधन हुआ, जिससे न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में उनके प्रशंसकों और सहयोगियों में शोक की लहर दौड़ गई। नेतन्याहू ने अपने ट्वीट और पत्र में रतन टाटा को “भारत का गौरवशाली बेटा” बताते हुए उनके योगदान और मित्रता की सराहना की।
रतन टाटा का योगदान

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने जगुआर लैंड रोवर और टेटली जैसी प्रमुख कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे समूह की वैश्विक पहचान बनी। उन्हें 2008 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण, से भी सम्मानित किया गया।
नेतन्याहू का संदेश
नेतन्याहू ने अपने संदेश में कहा, “मैं और इजरायल में कई लोग रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। वे हमारे दोनों देशों के बीच दोस्ती के हिमायती थे।” उन्होंने रतन टाटा के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की। यह संदेश न केवल व्यक्तिगत संवेदनाओं का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे एक व्यक्ति ने दो देशों के बीच संबंधों को मजबूत किया।
To my friend, Prime Minister @narendramodi.
I and many in Israel mourn the loss of Ratan Naval Tata, a proud son of India and a champion of the friendship between our two countries. 🇮🇱🇮🇳Please convey my condolences to Ratan’s family.
In sympathy,
Benjamin Netanyahu— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) October 12, 2024
ग्लोबल रिएक्शन
रतन टाटा के निधन पर कई अन्य वैश्विक नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया। अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि “भारत और दुनिया ने एक विशाल हृदय वाले दिग्गज को खो दिया है।” फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि “फ्रांस ने भारत से एक प्रिय मित्र खो दिया है।”
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स जैसे व्यापार जगत के दिग्गजों ने भी रतन टाटा की विरासत को याद किया और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। पिचाई ने कहा कि “उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था,” जबकि गेट्स ने उन्हें “दूरदर्शी नेता” बताया।
रतन टाटा की विरासत
रतन टाटा की विरासत केवल उनके व्यवसायिक कौशल तक सीमित नहीं है; वे एक परोपकारी व्यक्ति भी थे जिन्होंने समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी मानवता और उदारता ने उन्हें एक आदर्श नेता बना दिया। उन्होंने हमेशा सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और अपने कार्यों से समाज को बेहतर बनाने का प्रयास किया।
रतन टाटा का निधन केवल एक व्यक्तिगत क्षति नहीं है, बल्कि यह भारत और इजरायल दोनों देशों के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनके योगदान और मित्रता को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। नेतन्याहू का संदेश इस बात का प्रमाण है कि कैसे एक व्यक्ति ने दो देशों के बीच संबंधों को मजबूत किया और दोनों देशों के लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई।