छोटे और बड़े पर्दे में कई बाल कलाकार ऐसे है, जिन्होंने अपने काबिलियत के दम पर दर्शकों का दिल जीता हैं। पर यह सितारे आज कहीं गुम ही हो गए है, इसका कारण है उनका बड़े हो कर काम नहीं करना। आज हम आपको उन्हीं के जैसे कुछ बाल कलाकर के बारे में बताने जा रहे, जो 70 और 80 के दशक के बीच लोगों के दिल और बच्चों के मन में बसे थे, पर आज फ़िल्मी दुनिया और छोटे पर्दे से दूर हो कर एक अलग लाइफ जी रहें हैं।
मास्टर रवि
अमिताभ बच्चन के बचपन के किरदारों में दिखने वाले मास्टर रवि को उस वक्त सभी जानते थे। उन्होंने कई बड़े फिल्मों में अपना रोल निभाया था, और ‘देश प्रेमी’, ‘शक्ति’ और ‘कुली’ जैसे बड़े फिल्मों में एक बड़ी पहचान बनाए थे। पर अपको यह बता दें, अब मास्टर रवि फिल्मी दुनियां से दूर एक शेफ की तौर पर जानें जाते हैं। यहां तक की वे एक मल्टीनैशनल कंपनी में एडमिन डिपार्टमेंट में हेड का पद पर काम कर रहें हैं।
फहीम अजानी
राजू श्रेष्ठ नाम से जाने जाते फहीम अजानी ने बॉलीवुड में कई फिल्मों में एक बाल कलाकर के रूप अभिनय किया था। उनके कुछ फिल्मों के नाम है, ‘परिचय’, ‘बावर्ची’, ‘अभिमान’, ‘दाग’, ‘अंखियों के झरोखों से’, ‘किताब’, ‘चितचोर’, ‘अफसाना प्यार का’, ‘शतरंज’, ‘खुद्दार’, ‘साजन चले ससुराल’। पर अपको बता दें, अब वह फिल्मों से दूर है, इनको कई टीवी शो जैसे ‘चुनौती’, ‘अदालत’, ‘बानी-इश्क दा कलमा’ में भी देखा गया हैं।
तनवी हेगड़े
90 के दशक के बच्चों के दिल पर राज करने वाला शो ‘सोनपरी’ की अदाकारा तनवी हेगड़े उस समय अपने अभिनेय के लिए काफी लोकप्रिय थी। उन्होंने इस शो में फ्रूटी का किरदार निभाया था, जो दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जाता था। तनवी इस शो के बाद छोटे पर्दे में नहीं दिखी, पर उसके बाद कुछ मराठी फिल्मों का हिस्सा रही थी।
मयूर राज वर्मा
70 और 80 के दशक में अमिताभ बच्चन के बचपन के किरदार के लोकप्रिय होने वाले मयूर राज वर्मा को यंग अमिताभ बच्चन के तौर पे जाना जाता था। आपकी जानकारी के लिए बता दें, वे उस दौर में सबसे अधिक फीस लेने वाले बाल कलाकार थे। आज वे फ़िल्मी पर्दे से दूर है, और बिजनेस की दुनिया में व्यस्त हैं।
शाहिंदा बेग
80 के दशक में ख़ूब सुर्खियां बटोरने वाली शाहिंदा बेग को कभी बेबी गुड्डू के नाम से जाना जाता था। जानकारी के लिए बता दें, शाहिंदा बेग फिल्म मेकर एम एम बेग की बेटी है, और अपने जमाने में वे काफी अच्छी कलाकार थी। उनके कुछ फिल्मों के नाम है, ‘औलाद’, ‘समुंदर’, ‘घर घर की कहानी’, ‘मुल्जिम’, ‘नगीना’ जो फिल्मी पर्दे पर काफी हिट रहीं थी। वहीं उनकी आखिरी फिल्म एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में साल 1991 में आई थी जो ‘घर परिवार’ थी। आजकल वे दुबई में रहकर अमीरात एयरलाइंस में काम कर रही हैं।
सत्यजीत पुरी
फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ में देवानंद के बचपन का किरदार निभा चुके सत्यजीत पुरी के इस अभिनेय को द्र्श्सकों द्वारा ने काफी पसंद किया गया था। पर आगे जा कर उन्हे मुख्य कलाकार के रूप में काम नहीं मिलने के कारण, उन्होने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा।
विशाल देसाई
मास्टर बिट्टू के नाम लोकप्रिय होने वाले विशाल देसाई आज लंबे अरसे से फिल्मी पर्दे से दूर हैं। उनके कुछ मशहूर फिल्मों के नाम है, ‘याराना’, ‘चुपके चुपके’, ‘दो और दो पांच’ और द बर्निंग ट्रेन। इसके अलावा वे अमिताभ बच्चन के साथ भी कई फिल्मों में दिखे थे।