भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर के बेटे आर्यन बांगर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की घोषणा की है, जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। आर्यन ने हार्मोनल रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाई है और अब वह अनाया के नाम से पहचाने जाने लगे हैं। इस परिवर्तन की कहानी को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी यात्रा और आत्म-खोज के अनुभवों को साझा किया।
आर्यन से अनाया तक का सफर
आर्यन बांगर, जो खुद भी क्रिकेट खेलते हैं, ने अपने जीवन के इस नए अध्याय के बारे में बताया कि कैसे उन्होंने अपने असली स्व को अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, “क्रिकेट खेलने का मेरा सपना एक ऐसी यात्रा रही है जिसमें बलिदान, दृढ़ता और अडिग समर्पण शामिल है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस यात्रा में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और समाज के पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ा।
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अनाया ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “मेरे लिए अपने असली स्व को अपनाना आसान नहीं था, लेकिन यह मेरा सबसे बड़ा विजय है।” उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल उनके खेल करियर से संबंधित नहीं था, बल्कि यह उनकी पहचान और आत्म-सम्मान से जुड़ा था।
समाज में बदलाव की आवश्यकता
अनाया की कहानी सिर्फ व्यक्तिगत परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह समाज में लिंग पहचान और ट्रांसजेंडर अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी है। भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय को अक्सर भेदभाव और असमानता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अनाया जैसे व्यक्तित्व जो अपनी पहचान को खुले तौर पर स्वीकार करते हैं, वे दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
अनाया की इस यात्रा को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोग उनके साहस की सराहना कर रहे हैं, जबकि कुछ ने आलोचना भी की है। लेकिन इस सबके बीच, अनाया ने सकारात्मकता बनाए रखने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि वह अपने अनुभवों के माध्यम से दूसरों को प्रेरित करना चाहती हैं ताकि वे भी अपने सच्चे स्व को अपनाने में सक्षम हों।
संजय बांगर के बेटे आर्यन का अनाया बनने का सफर न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यह समाज में लिंग पहचान और ट्रांसजेंडर अधिकारों पर एक महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा भी है। उनका साहसिक कदम न केवल उन्हें बल्कि उनके जैसे अन्य लोगों को भी अपनी पहचान को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करेगा।