हिंदी फिल्म जगत की सबसे लोकप्रिय फिल्मों में से एक शोले की रिलीज को अब लगभग 45 वर्षों से अधिक का समय हो चूका हैं लेकिन फिल्म का एक-एक किरदार आज भी लोगों की जुबान पर बना रहता हैं. फिल्म में जय-वीरू की जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया था.
बेहद कम लोग ये जानते होंगे कि जब शोले की स्टार कास्ट चुनी गई थी सबसे पहले धर्मेन्द्र का नाम फाइनल हुआ और मेकर्स जय-वीरू, ठाकुर और गब्बर के करेक्टर के लिए भी लगातार ऑडिशन ले रही थी. बताया जाता हैं कि जब धर्मेन्द्र ने फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी तो उन्हें ठाकुर का किरदार काफी पसंद आया और उन्हें इस करेक्टर के लिए डायरेक्टर ने चुन लिया लेकिन फिर अचानक से वह वीरू का किरदार निभाने के लिए जिद पकड़ने लगे.
फिल्म के मेकर्स ने वीरू के रोल के लिए शुरुआत में संजीव कुमार को चुना था. फिल्म में वीरू के साथ बसंती का किरदार निभाने वाली हेमा मालिनी की जोड़ी थी. धर्मेन्द्र को जब पता चला कि हेमा बसंती का किरदार निभा रही, तब उसने हेमा के करीब रहने के लिए वीरू का किरदार निभाने की जिद पकड़ ली थी.
इसके आलावा एक वजह ये भी थी कि संजीव कुमार हेमा मालिनी को पसंद करते थे और अपने दिल की बात उन्हें बता भी चुके थी लेकिन हेमा उनका प्रपोजल ठुकरा दिया था. ऐसे में धर्मेन्द्र नहीं चाहते थे कि हेमा की फिर से संजीव के साथ नजदीकियां बढे.
धर्मेन्द्र ठाकुर के रोल को लेकर काफी उत्साहित थे और अपने किरदार की रिहर्सल भी उन्होंने शुरू कर दी थी. लेकिन जब उन्हें हेमा और संजीव कुमार के बारे में पता चला तो उन्होंने ठाकुर की जगह वीरू का किरदार चुना. बताया जाता हैं कि फिल्म की शूटिंग के दौरान मालिनी और धर्मेंद्र के बीच लव अफेयर की शुरुआत हो गई थी. फिल्म के एक सीन के लिए तो धर्मेंद्र ने जानबूझ कर टेक पे टेक लिए थे. फिल्म में बंदूक से निशाना साध कर आम तोड़ने वाला एक सीन था जिसमें हेमा को धर्मेंद्र की बाहों में आना था.
इस सीन को फिल्माने में धर्मेंद्र ने जानबूझकर काफी समय लिया था. बताया तो ये भी जाता है कि धर्मेंद्र ने इसके लिए लाइटमैन को पैसे भी दिए थे. जिससे शॉट जल्दी खत्म न हो. बता दे साल 1980 में हेमा मालिनी और धर्मेन्द्र ने शादी की थी.