इस एक्ट्रेस से डायरेक्टर Anurag Kashyap करते थे अजीबोगरीब सवाल, ऐसे आई सच्चाई सामने

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अनुराग कश्यप(Anurag Kashyap) ने हाल ही में अमृता सुभाष से उनके पीरियड्स की तारीखें पूछी थीं, जब वे ‘सैक्रेड गेम्स 2’ में एक इंटिमेट सीन की शूटिंग कर रहे थे। यह घटना न केवल फिल्म उद्योग में एक नई सोच का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे निर्देशक अपने कलाकारों की भावनाओं और शारीरिक स्थिति का ध्यान रखते हैं।

Anurag Kashyap का संवेदनशील दृष्टिकोण

Anurag Kashya

अमृता ने एक इंटरव्यू में बताया कि अनुराग ने उनसे पूछा, “आपके पीरियड्स कब हैं?” ताकि वे उस समय को ध्यान में रख सकें जब इंटिमेट सीन की शूटिंग की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह बात नहीं थी कि वह पुरुष हैं या महिला, बल्कि उनकी संवेदनशीलता महत्वपूर्ण थी।” इस प्रकार का व्यवहार न केवल कलाकारों के प्रति सम्मान दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अनुराग कश्यप जैसे निर्देशक अपने काम के प्रति कितने गंभीर हैं।

शूटिंग के अनुभव

अमृता ने कहा कि उनका पहला इंटिमेट सीन अनुराग के साथ था और उन्होंने इसे बहुत सहजता से लिया। उन्होंने कहा, “अनुराग ने मुझे बहुत सहज महसूस कराया। उन्होंने मेरी भावनाओं का ध्यान रखा और मुझे बताया कि हम उस समय शूटिंग नहीं करेंगे जब मैं असहज महसूस करूं।” यह बात दर्शाती है कि फिल्म उद्योग में अब संवेदनशीलता और समझदारी की आवश्यकता है।

महिलाओं के लिए एक नया दृष्टिकोण

यह घटना महिलाओं के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। अमृता ने कहा कि ऐसे सवाल पूछना सामान्य होना चाहिए, ताकि महिलाएं अपने स्वास्थ्य और आराम को प्राथमिकता दे सकें। यह न केवल कलाकारों के लिए बल्कि सभी महिलाओं के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि उन्हें अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

इस तरह की घटनाएँ समाज में बदलाव की आवश्यकता को उजागर करती हैं। महिलाओं को अपनी शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करने का अधिकार होना चाहिए। अनुराग का यह कदम निश्चित रूप से अन्य निर्देशकों और प्रोड्यूसर्स के लिए एक उदाहरण स्थापित करता है कि उन्हें भी इस तरह की संवेदनशीलता अपनानी चाहिए।

अमृता सुभाष और अनुराग कश्यप की यह बातचीत न केवल फिल्म उद्योग में बदलाव का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे संवेदनशीलता और समझदारी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस तरह के कदम समाज में महिलाओं के अधिकारों और स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

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