पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में गुवाहाटी में आयोजित अपने लाइव कॉन्सर्ट को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को समर्पित किया। यह कार्यक्रम 26 दिसंबर को डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद आयोजित किया गया था, जिसने पूरे देश को शोक में डुबो दिया। दिलजीत ने इस अवसर पर पूर्व पीएम की शालीनता और उनके जीवन के सरल सिद्धांतों की सराहना की।
दिलजीत का भावुक श्रद्धांजलि
दिलजीत ने अपने शो के दौरान कहा, “आज का कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समर्पित है। उन्होंने बहुत ही सादा जीवन जिया। वे कभी भी पलटकर जवाब नहीं देते थे या बुरी बातें नहीं करते थे, जो राजनीति जैसे पेशे में असंभव है”। इस दौरान, उन्होंने एक प्रसिद्ध शायरी भी साझा की, जो डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा अक्सर कही जाती थी: “हजारों जवाबों से मेरी खामोशी अच्छी, न जाने कितने सवालों की आबरू ढक लेती है”।
In an era when the entire Bollywood was even afraid to tweet and pay respect to Dr Manmohan Singh on his demise
Diljit Dosanjh dedicated a whole concert to him.
This is why Diljit is India’s most popular artist today ♥️
Won my heart.
pic.twitter.com/6ekxd7uGvU— Roshan Rai (@RoshanKrRaii) December 29, 2024
मनमोहन सिंह का योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह, जिनका 26 दिसंबर को निधन हो गया, भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व रहे हैं। वे पहले ऐसे सिख थे जिन्होंने भारतीय मुद्रा पर हस्ताक्षर किए थे, और उनका योगदान देश की अर्थव्यवस्था और विकास में अद्वितीय रहा है। दिलजीत ने कहा कि मनमोहन सिंह का जीवन हमें सिखाता है कि हमें अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, चाहे लोग हमें कुछ भी कहें।
युवाओं के लिए संदेश
दिलजीत ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें डॉ. मनमोहन सिंह की तरह संयमित रहना चाहिए और नकारात्मकता से दूर रहकर अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो आपको बुरा बोल रहा है वो भी भगवान का रूप है, सिर्फ आपका टेस्ट हो रहा है कि आप उसपर किस तरह रिएक्ट करते हैं”।
दिल-लुमिनाटी टूर का महत्व
यह कॉन्सर्ट दिल-लुमिनाटी टूर का हिस्सा था, जो दिलजीत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। उन्होंने इस टूर के माध्यम से न केवल अपने प्रशंसकों का मनोरंजन किया बल्कि समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित किया।
दिलजीत दोसांझ ने अपने कॉन्सर्ट के माध्यम से डॉ. मनमोहन सिंह को याद कर न केवल उन्हें श्रद्धांजलि दी, बल्कि उनके जीवन के सिद्धांतों को भी उजागर किया। यह कार्यक्रम दर्शाता है कि कला और संस्कृति किस तरह से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।