भोपाल में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिया विवादास्पद बयान, ‘देश में कट्टर हिंदुओं की कमी'”

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भोपाल में हाल ही में बाबा बागेश्वर, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक विवादास्पद बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि “देश में कट्टर हिंदुओं की कमी है।” इस बयान ने न केवल धार्मिक समुदायों के बीच चर्चा को जन्म दिया है, बल्कि यह सवाल भी उठाया है कि क्या इस प्रकार की बातें समाज में कट्टरता को बढ़ावा दे सकती हैं।

बाबा बागेश्वर का बयान

बाबा बागेश्वर

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भोपाल में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “हमें इस देश में कट्टर हिंदू बनाना है।” उन्होंने यह भी कहा कि “छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं,” जो उनके विचारों को और स्पष्ट करता है कि वे हिंदू धर्म के प्रति एक सख्त और अडिग दृष्टिकोण अपनाने की बात कर रहे हैं। उनका मानना है कि देश में ऐसे लोगों की कमी है जो अपने धर्म के प्रति कट्टर हों और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हों.

धार्मिक पहचान और कट्टरता

धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान भारत में धार्मिक पहचान के मुद्दे को उजागर करता है। भारत एक विविधता से भरा देश है जहां विभिन्न धर्मों के अनुयायी एक साथ रहते हैं। हालांकि, कई बार धार्मिक कट्टरता और पहचान के मुद्दे समाज में तनाव पैदा कर सकते हैं। शास्त्री का यह बयान उन लोगों के लिए चिंताजनक हो सकता है जो धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता के पक्षधर हैं।

कट्टर हिंदू बनने की आवश्यकता

शास्त्री ने यह भी कहा कि “पहले कट्टर बनो,” जो यह दर्शाता है कि वे चाहते हैं कि हिंदू समुदाय अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो और किसी भी प्रकार के हमलों का सामना करने के लिए तैयार रहे। उनका मानना है कि यदि हिंदू समुदाय मजबूत नहीं होगा, तो उन्हें अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा करने में कठिनाई होगी। इस प्रकार के विचार अक्सर धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देते हैं, जिससे समाज में विभाजन की संभावना बढ़ जाती है.

सामाजिक प्रतिक्रिया

इस बयान पर विभिन्न सामाजिक समूहों और नेताओं की प्रतिक्रियाएँ मिली-जुली रही हैं। कुछ लोग इसे धार्मिक जागरूकता का एक सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे समाज में विभाजन और तनाव बढ़ाने वाला मानते हैं। विशेष रूप से, ऐसे समय में जब देश में विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा है, ऐसे बयानों का प्रभाव गहरा हो सकता है.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह बयान न केवल हिंदू धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे धार्मिक पहचान और कट्टरता का मुद्दा भारतीय समाज में महत्वपूर्ण बना हुआ है। ऐसे बयानों से समाज में विभाजन और तनाव बढ़ने की संभावना रहती है, इसलिए सभी समुदायों को सहिष्णुता और समझदारी से काम लेना आवश्यक है।

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