भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली अब 100वें टेस्ट मैच खेलने वाले है। श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला मोहाली में चार मार्च से खेला जाने वाला है। विराट कोहली के टेस्ट में कुल 7962 रन बन चुके हैं। उन्होंने अबतक 99 टेस्ट मैचों तक का सफर 11 सालों में पूरा किया है। विराट को टीम इंडिया में शामिल होने से पहले ही कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उनमें से एक आपको झंझोर कर जरूर रख देगा। लाइव मैच में विराट कोहली ने किया श्रीवल्ली का हुक स्टेप, वायरल हुई वायरल
2006 में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान विराट कोहली के पिता का निधन हो गया था। इसके बावजूद उन्होंने मैच को जारी रखने और खेलते रहने का फैसला लिया था। आइए जानते है की पिता के निधन के बाद कोहली ने खुद को कैसे संभाला था और कैसे उन्होंने खुद को मैच खेलने के लिए तयार किया था? इस बारे में उनके साथ खेलने वाले दिल्ली के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज पुनीत बिष्ट ने एक इंटरव्यू में बताया था।
विराट कोहली उस समय दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के खिलाफ मैच खेल रहे थे। मुकाबले के तीसरे दिन अचानक खबर आई की कोहली के पिता प्रेम कोहली का ब्रेन स्ट्रोक के कारण निधन हो गया है। लेकिन फिर भी दूसरे दिन खेल समाप्त होने तक विराट पुनीत बिष्ट के साथ नाबाद थे। पुनीत जब ड्रेसिंग रूम में पहुंचे तब उन्होंने कोहली को देखा। कमरे में सन्नाटा था। रोने की वजह से विराट की आंखें लाल हो चुकी थीं। विराट कोहली की बेटी की तस्वीर वायरल होने के बाद से विराट का गुस्सा आया सामने
पुनीत विशिष्ट अब रणजी ट्रॉफी में मेघालय के लिए खेलते हैं। उस दिन को याद करते हुए पुनीत ने इंटरव्यू में बताया कि, ‘‘मैं आज तक उस दिन को याद करके सोचता हूं कि कोहली में इतनी हिम्मत आखिर आई कहां से थी। कोहली बल्लेबाजी के लिए तैयार हो रहे थे। उनके पिता का अंतिम संस्कार तक भी अभी नहीं हुआ था। असल में विराट चाह रहे थे कि टीम को एक बल्लेबाज की कमी नहीं खलनी चाहिए। इसलिए उन्होंने आगे भी खेलने का तय किया।’’
तत्कालीन कप्तान मिथुन मन्हास और कोच चेतन चौहान ने कोहली को मैच छोड़ कर वापस घर लौटने के लिए भी कहा था। पुनीत बताते है, ‘‘चेतन सर हमारे कोच हुआ करते थे। उन्होंने मिथुन भाई से बात की और फिर कोहली को घर लौटने के लिए कहा। सारे लोगो को ऐसा लग रहा था कि विराट इतनी कम उम्र में इस सदमे को नहीं झेल पाएगा। उसके लिए क्या ये किसी के लिए आसान नहीं होगा। कोच और कप्तान के अलावा सभी खिलाड़ियों की यही राय थी कि विराट को घर लौट जाना चाहिए। लेकिन उस वक्त विराट में अलग ही जोश था। विराट उतनी मुश्किल घड़ी में भी डटे रहे और मैच खेला।’’
पुनीत ने 96 प्रथम श्रेणी मैचों में 4378 रन बना चुके है। उन्होंने विराट के साथ उस पारी में 152 रनों की साझेदारी भी निभाई थी। पुनीत बिष्ट ने कुल 156 रनों की पारी खेली थी और विराट ने 90 रन बनाए थे। पुनीत ने उस पारी को याद करते हुए कहा की, ‘‘कोहली के सीने में दुख और दिमाग में सिर्फ रन था। वे लगातार बेहतरीन शॉट खेले जा रहे थे। कोहली हमेशा कहा करते थे कि हमें लंबी पारियां खेलनी हैं, आउट नहीं होना है। विराट में अभी भी कुछ बदलाव नहीं आया है। उनकी ऊर्जा और आक्रामकता आज भी जबरदस्त है।’’