बाल संत अभिनव अरोड़ा की मां ज्योति अरोड़ा ने हाल ही में एक गंभीर आरोप लगाया है कि उनके बेटे को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जान से मारने की धमकी मिली है। यह मामला तब सामने आया जब अभिनव ने कुछ यूट्यूबर्स के खिलाफ सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के लिए कानूनी कार्रवाई की थी। इस घटना ने न केवल उनके परिवार में दहशत पैदा कर दी है, बल्कि यह समाज में भी चर्चा का विषय बन गया है।
धमकी का विवरण

ज्योति अरोड़ा ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार को एक फोन कॉल और धमकी भरे संदेश मिले हैं, जिनमें अभिनव को मारने की धमकी दी गई है। उन्होंने कहा, “हमें आज लॉरेंस बिश्नोई गैंग से फोन कॉल और धमकी भरे मैसेज मिले हैं।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि एक रात पहले भी उन्हें एक कॉल आई थी जिसे वे मिस कर गए थे।
सोशल मीडिया का प्रभाव
अभिनव की मां ने स्पष्ट किया कि ये धमकियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के कारण दी जा रही हैं। इस वीडियो में अभिनव को जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के साथ देखा गया था, जिसके बाद कुछ यूट्यूबर्स ने इस वीडियो का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बनाया। ज्योति अरोड़ा ने कहा, “हमारे बेटे ने भक्ति के अलावा कुछ नहीं किया है, फिर भी उन्हें धमकियां मिल रही हैं” ।
हद हो गई….!
मतलब सुर्खियां बटोरने के लिए कुछ भी करोगे कुछ भी बोल दोगे…?लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने अभिनव अरोड़ा को जान से मारने की धमकी दी है….!
अभिनव अरोड़ा की मां दावा कर रहीं हैं कि उनके बेटे को विश्नोई गैंग की ओर से धमकी मिली है….!कल को नवरतन यादव भी कहेगा “मेली दान… pic.twitter.com/jvDDwStKaJ
— Rahul Saini (@JtrahulSaini) October 28, 2024
कानूनी कार्रवाई
अभिनव अरोड़ा ने मथुरा के एसीजेएम न्यायालय में सात यूट्यूबर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इन यूट्यूबर्स पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अभिनव को ट्रोल किया और जान से मारने की धमकियां दीं। उनके वकील आजाद खोकर ने बताया कि अभिनव का एक पुराना वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला बढ़ा है।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने समाज में कई सवाल उठाए हैं। क्या किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान या उसके द्वारा किए गए कार्यों के कारण उसे इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ सकता है? क्या समाज में ऐसे तत्व मौजूद हैं जो किसी भी व्यक्ति को उसके विचारों या कार्यों के लिए निशाना बनाने से नहीं चूकते? यह सभी सवाल आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं।
अभिनव अरोड़ा का मामला केवल व्यक्तिगत नहीं है; यह समाज में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा का प्रतीक बन गया है। जब एक व्यक्ति सिर्फ अपने धार्मिक विश्वासों के कारण इस तरह की धमकियों का सामना कर रहा हो, तो यह समाज के लिए चिंताजनक स्थिति है। ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई और समाज में जागरूकता की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी को भी इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।