रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने दुबई के पाम जुमेराह आईलैंड पर एक नया घर खरीदा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इस बीच साइड विला की कीमत करीब 640 करोड़ रुपए अर्थात 80 मिलियन डॉलर बताई जा रही है। यह आलीशान विला अब तक की सबसे महंगी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी है। आरपीजी इंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने भी एक वीडियो लग्जरी विला का ट्वीट करते हुए लिखा था कि एक अरबपति को दुबई का खूबसूरत घर बेचा गया। इस ट्वीट को भी मुकेश अंबानी से जुड़ा माना जा रहा है। आइए अब पाम जुमेराह आईलैंड और यहां की खूबसूरती के बारे में जानते हैं।
ताड़ के पेड़ के साइज के आकार का बना द्वीप दुबई की पहचान है। इस द्वीप का नाम पाम जुमैराह द्वीप तार के पेड़ के जैसा आकार होने के कारण ही रखा गया था। सन 2001 अर्थात आज से 21 साल पहले इसका निर्माण हुआ था। जबकि लोगों ने यहां 2007 से रहना शुरू कर दिया था।
सूरज की रोशनी में चमकते नीले पानी के बीच बसा यह द्वीप दुनिया भर के सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह एक अद्भुत तथा अभूतपूर्व टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां अलग-अलग देशों से आते हैं।
ताड़ के पेड़ के आकार में बसे इस द्वीप समूह में रेस्टोरेंट्स, स्पा , लग्जरी होटल, अपार्टमेंट्स और शानदार क्लब बने हुए हैं।खूबसूरत समुद्री बीच यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है यहां करीब 80 हजार लोगों के एक साथ रहने की व्यवस्था है, ऐसा रिपोर्ट दावा करती हैं।
सीएनएन के रिपोर्ट के मुताबिक सिविल इंजीनियर अली मंसूरी जिन्होंने पाम जुमेराह द्वीप के निर्माण में कार्य किया था। वह कहते हैं कि यह अपने आप में पहला और एक अभूतपूर्व प्रोजेक्ट था। अली मनसूर एक कंसटेन्सी फर्म के साथ काम करने के लिए 1998 में कनाडा से दुबई आए थे।
2001 में जब दुबई में पान प्रोजेक्ट शुरू हुआ तो वह काफी उत्साहित हुए तथा जब पहली सेटेलाइट तस्वीर सन 2002 में छपी तो उन्होंने इस प्रोजेक्ट में काम करना चाहा। इसके पश्चात 1 साल बाद पाम डेवलपर कंपनी निखिल के साथ मंसूर ने काम करना शुरू किया। आज नखरिंन इंजीनियर के डायरेक्टर भी हैं।
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि कंक्रीट या स्टील का उपयोग इस द्वीप का आधार तैयार करने के लिए नहीं किया गया है। बल्कि इसे चट्टानों और रेत से ही बनाया गया है। हालांकि इसके लिए रेत बाहर से मंगाई गई थी। अब आप यह सोचेंगे कि दुबई खुद ही रेत पर बनी हुई सिटी है। जैसे कि यहां पर रेत की कोई कमी नहीं है तो फिर इंजीनियरों ने बाहर से रेत क्यों मंगवाई। इस पर मनसूर अली कहते हैं कि दुबई की रेत पानी में घुल जाती है।इसलिए इस रेत पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
इंजीनियर ने इसके लिए फारस की खाड़ी से रेत निकालने का फैसला लिया और फिर वहां 120 मिलियन क्यूबिक मीटर रेत बाहर निकाली। इसके पश्चात 70 लाख टन से ज्यादा पहाड़ का खनन संयुक्त अरब अमीरात के उत्तरी पहाड़ों से किया गया। पत्थरों से आधे चंद्रमा के आकार का 11 किलोमीटर लंबा ब्रेकवाटर इस द्वीप को बनाने के लिए तैयार किया गया। यह समुद्र की लहरों और तेज हवाओं में भी अधिक सुरक्षित रह सके इसलिए यह ब्रेकवाट तैयार किया गया। Also Read : ऐश्वर्या से लेकर शाहरुख खान तक इन 6 भारतीय सेलेब्स का दुबई में हैं आलीशान घर
यह द्वीप मानव निर्मित है। जो लगभग 1380 एकड़ अर्थात 560 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसका निर्माण ठीक प्रकार से हो रहा है या नहीं इसके लिए सेटेलाइट से उसकी तस्वीरें ली जाती थी। पूरी दुनिया के पर्यटकों के लिए पाम जुमेराह द्वीप किसी आश्चर्य से कम नहीं है। Also Read : मुकेश अंबानी ने दुबई में खरीदा दुनिया का सबसे महंगा घर.. फोटो ने बढ़ाई इंटरनेट पर हलचल