7 अगस्त 2021 को नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए एथलेटिक्स में भारत को पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाया. स्टार खिलाड़ी ने 87.58 मीटर भाला फेंककर 130 करोड़ लोगों को खुश होने का मौका दिया. साल 2008 में अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत गोल्ड पदक जीतने वाले वह केवल दूसरे भारतीय बन गए हैं.
नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार हैं. साल 2016 में चोपड़ा को नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड अधिकारी के रूप में चुना गया था. ज्यादातर भारतीय सेना किसी खिलाड़ी को जवान या नॉन कमीशंड अधिकारी के पद पर भर्ती करती है, हालाँकि नीरज की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें सीधे नायब सूबेदार के पद दिया गया था.
नीरज के आलावा सेना ने इन जवानों ने भी जीता मेडल
भारत को ओलंपिक मेडल दिलाने में अकसर भारतीय सेना अहम भूमिका निभाती हैं. चोपड़ा से पहले 2004 में हुए एथेंस ओलिंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता था. राठौर ने 1999 में कारगिल की लड़ाई में हिस्सा लिया था और वह शूटिंग में देश को ओलंपिक मेडल दिलाने वाले पहले इंडियन खिलाड़ी भी थे.
2012 लंदन ओलिंपिक के इंडियन आर्मी के जवान विजय कुमार ने भी पिस्टल शूटिंग में कांस्य पदक जीता था. विजय ने शूटिंग की बारीकियां आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट यानी एएमयू में सीखी थीं. डोगरा रेजिमेंट में सूबेदार मेजर की पोस्ट से रिटायर होने वाले विजय कुमार को बाद में ऑरनरी कैप्टन रैंक दिया गया था.इसके आलावा महान एथलीट मिल्खा सिंह ने भी सेना में जुड़ने के बाद अपनी प्रतिभा को निखाया था, जिसके बाद उन्होंने देश को कई यादगार जीत दिलाई लेकिन दुर्भाग्यवश वह ओलंपिक में देश को मेडल दिलाने से चूक गए थे.
हॉकी के जादूगर कहें जाने वाले मेजर ध्यानचंद भी सेना का हिस्सा थे और उन्होंने टीम इवेंट हॉकी में देश को 3 गोल्ड दिलाए थे.