21 जुलाई(बुधवार) को देशभर में बकरीद ईद का त्यौहार धूम-धाम से बनाया गया हैं. हालंकि इसी बीच विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस समुदाय के खिलाफ बद्रीनाथ धाम में नमाज पढने का आरोप लगाया हैं. इस मुद्दे पर जिले के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज को लिखित ज्ञापन भेजकर मामलें की जांच कर कड़ी कार्यवाई की मांग की गई हैं.
ईद के मौके पर बुधवार को बद्रीनाथ धाम में एक समुदाय के लोगों द्वारा ग्रुप में ईद की नमाज पढ़ने की खबर तेजी से फैली. सोशल मीडिया पर खबर के वायरल होने के बाद विश्व हिंदू परिषद के अधिकारीयों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर पर्यटन मंत्री को इसकी शिकायत की.
फिलहाल बद्रीनाथ में तीर्थ यात्रा पूरी तरह से बंद है और किसी को भी दर्शन की आज्ञा नहीं हैं, ऐसे में किसी एक समुदाय द्वारा नमाज पढ़े जाने से लोग बेहद नाराज हैं और कड़ी कार्यवाई की मांग कर रहे हैं.
विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकर्ताओं ने शिकायत में कहा हैं कि बद्रीनाथ धाम हिंदुओं का एक पवित्र स्थल है. इसके बावजूद यहां जानबूझकर नमाज पढ़ी गई. इससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं को ठेस पहुंचाई गई हैं. बद्रीनाथ धाम में मांस मदिरा सहित दूसरे धर्मों की किसी भी तरह की गतिविधियों पर बैन है. मामलें की गंभीरता को समझते विहिप ने कड़ी कार्यवाई की मांग की है और साथ धमकी भी दी हैं कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उग्र आन्दोलन देखने को मिल सकता हैं.
ज्ञापन देने वालों में विश्व हिंदू परिषद् के जिला प्रमुख राकेश चंद्र मैठाणी, हरि प्रसाद ममगाईं, देवी प्रसाद देवली, पवन राठौर, अतुल शाह, शंभु प्रसाद पंत, हर्ष प्रसाद चमोली, वेद प्रकाश भट्ट सहित कई बड़े पदाधिकारी थे.
चमोली के पुलिस अधिकारी यशवंत सिंह चौहान ने बताया की सोशल मीडिया पर बद्रीनाथ में एक समुदाय के लोगों की ओर से नमाज पढ़ने के मैसेज को गलत तरीके से फैलाया जा रहा है, जोकि निराधार हैं. उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ में आस्था पथ नामक संस्था की पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसमें कम कर रहे एक समुदाय के लोगों द्वारा बुधवार को ईद के त्योहार के मौके पर बंद कमरे में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए बिना और मौलवी की मौजूदगी के बिना कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए नमाज पढ़ी गई.
शिकायत मिलने के बाद देर रात इस मामले में कई लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया. पुलिस मामलें की जांच में जुट गई हैं.