भारत में विशेष सुरक्षा दल (Special Protection Group) एसपीजी सिर्फ त्री नरेंद्र मोदी के पास ही हैं. एसपीजी देश की सबसे सुरक्षित एजेंसी हैं. दरअसल एसपीजी का गठन साल 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद किया गया. आज इस लेख में हम इस सुरक्षा की हैरान कर देने वाली खासियत जानेगे.
एसपीजी एक बेहद प्रशिक्षित यूनिट हैं और आधुनिका उपकरणों और गाड़ियों से लैस होती है. इसमें लगभग 3,000 कमांडो होते हैं जिन्हें देश की सिक्यॉरिटी फोर्सेज से चुना जाता है. जब भी कोई एसपीजी सुरक्षा हासिल करने वाला सख्स कहीं भी यात्रा करता है तो एसपीजी की छोटी-छोटी टीमें बनाई जाती हैं और उस स्थान की अच्छी तरह जांच करती है. एसपीजी के ऑफिसर उस स्थान पर पहले ही पहुंच जाते हैं और करीब 24 घंटे पहले ही उस स्थान को सुरक्षित बनाया जाता है, एसपीजी की टीम में स्नापर्स और बम निरोधक स्पेशलिस्ट भी होते हैं जबकि इनकी ट्रेनिंग लगातार चलती रहती है.
एसपीजी कमांडो के बेहद आधुनिक रायफल्स, अंधेरे में देख पाने वाले आधुनिक चश्मे, संचार के अत्याधुनिक उपकरण, बुलेटप्रूफ जैकेट, दस्ताने, कोहनी और घुटनों पर लगाने वाले गार्ड्स होते हैं. इसके आलावा इनके पास हाइटेक गाड़ियों की भी एक पूरी फ़ौज होती हैं. एसपीजी के पास BMW 7 सीरीज की बख्तरबंद गाड़ियां, रेंज रोवर्स, बीएमडब्ल्यू के एसयूवी, ट्योटा और टाटा की बख्तरबंद गाड़ियां मौजूद होती हैं.
एसपीजी दुनिया की सबसे सुरक्षित एजेंसी में से एकी मानी जाती हैं ऐसे में इसका खर्चा भी काफी अधिक हैं. भारत में फ़िलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही एसपीजी सुरक्षा दी जाती हैं, जिसका सालाना खर्च 592 करोड़ रूपए हैं. इसके अनुसार एक दिन में पीएम की सुरक्षा पर 1.62 करोड़ का खर्चा आता हैं. इस घंटे और एक मिनट की बात करे तो पीएम की सुरक्षा में लगे एसपीजी टीम का खर्चा क्रमश: 6.75 लाख व 11263 रूपए हैं.
कमांडो के ब्रीफकेस में क्या होता हैं?
भारत सहित अन्य कई देशों के बड़े-बड़े नेताओं की सुरक्षा में लगे कमांडो के हाथ में अकसर ब्रीफकेस दिखाई देता हैं, जिसके लेकर कई अलग-अलग तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर सुनने को मिलती रहती हैं. दरअसल ब्रीफकेस एक पोर्टेबल बुलेटप्रूफ सुरक्षा शील्ड है. यह पोर्टेबल बुलेट प्रूफ शील्ड ब्रीफकेस खोलते ही एक मजबूत ढ़ाल का काम करती हैं. यह बेहद खास व्यक्तियों को तत्काल सुरक्षा देती है.
इस ब्रीफकेसनुमा शील्ड में एक गन रखने के लिए जेब भी होती हैं जो मुश्किल के समय में सुरक्षा के काम भी आती है. किसी की तरह के खतरें की स्तिथि में ब्रीफकेस को खोलकर ढ़ाल बना लिया जाता है क्योंकि यह बुलेट प्रूफ होता है.