एक रेस्तरां मालिक राणा रामपाल सिंह पीछे एक साल से सिंघू बॉर्डर पर किसानों के लिए लंगर करा रहा था. हालाँकि अब आन्दोलन खत्म होने का ऐलान हो गया हैं तो वह अब उस रेस्तरां को फिर से खोलने के लिए तैयार है जो किसानों के विरोध के कारण बंद हो गया था.
गोल्डन हट के मालिक राणा रामपाल सिंह ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “मैं बहुत खुश हूं. मैं अपनी खुशी आप लोगों के सामने व्यक्त नहीं कर सकता. खुशी का मुख्य कारण किसानों की जीत है. सभी किसान भाई मेरा परिवार है. जब तक प्रत्येक किसान घर नहीं हो जाता, तब तक हम लंगर जारी रखेंगे.”
दिल्ली: सिंघू बॉर्डर पर गोल्डन हट रेस्टोरेंट के मालिक पिछले एक साल से मुफ्त लंगर चला रहे हैं।
गोल्डन हट के मालिक राम सिंह राणा ने कहा, “हर एक किसान हमारा परिवार है। ये लंगर तब तक चलेगा जब तक की हर एक किसान अपने घर नहीं चला जाता।” pic.twitter.com/lAnL19QZPm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2021
बता दे राणा रामपाल सिंह प्रतिदिन लगभग 4 लाख खर्च करके किसानों के लिए लंगर चला रहे थे. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के साथ ही आंदोलन खत्म हो गया हैं. तो वह फिर से अपना रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी में हैं. विरोध खत्म होने पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनका शुक्रिया अदा किया था.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर से चल रहे आंदोलन को वापस लेने के पहले दिन ही अधिकांश किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर को छोड़ दिया और घर लौट आए. 19 नवंबर को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि केंद्र इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए आवश्यक विधेयक लाएगा.
लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने 29 नवंबर को शीतकालीन सत्र के पहले दिन कृषि कानून निरस्त विधेयक पारित किया. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया को पूरा करने वाले विधेयक को अपनी सहमति दे दी है.
किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर 2020 से दिल्ली की बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे.