बुमराह से पंगा लेने वाले सैम कोंस्टास ने मानी अपनी गलती, बताया क्या थी जसप्रीत के गुस्से की वजह

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सैम कोंस्टास :हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे टेस्ट मैचों की श्रृंखला में एक दिलचस्प विवाद सामने आया है। इस विवाद का केंद्र बिंदु ऑस्ट्रेलियाई युवा खिलाड़ी सैम कोंस्टास और भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के बीच हुई नोकझोंक है। कोंस्टास ने इस घटना के बाद अपनी गलती स्वीकार की है, जिससे यह मामला और भी रोचक बन गया है।

घटना का विवरण

सैम कोंस्टास

यह विवाद सिडनी टेस्ट के पहले दिन की शाम को हुआ, जब कोंस्टास ने जानबूझकर बुमराह को उकसाने की कोशिश की। मैच के दौरान, कोंस्टास ने बुमराह के ओवर में समय बिताने का प्रयास किया, जिससे बुमराह नाराज हो गए। कोंस्टास ने नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े होकर बुमराह के साथ बहस की, जो स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया.

कोंस्टास का बयान

सैम कोंस्टास ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी यह हरकत गलत थी और उन्होंने बुमराह को उकसाने की कोशिश की थी। उन्होंने स्वीकार किया कि यह उनके लिए एक सीखने का अनुभव था और उन्हें इस तरह की हरकतें नहीं करनी चाहिए थीं। कोंस्टास ने कहा, “मैंने जानबूझकर बुमराह का ध्यान भटकाने की कोशिश की, लेकिन यह मेरी गलती थी”.

खेल का हिस्सा या अनुचित व्यवहार?

इस घटना ने क्रिकेट जगत में बहस छेड़ दी है कि क्या ऐसी हरकतें खेल का हिस्सा हैं या फिर यह अनुचित व्यवहार माना जाना चाहिए। कई विशेषज्ञों का मानना है कि खेल में मानसिक दबाव डालना सामान्य है, लेकिन जब यह सीमा से बाहर चला जाता है, तो यह खेल भावना के खिलाफ होता है.

बुमराह का प्रदर्शन

जसप्रीत बुमराह इस सीरीज में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने अब तक 30 से अधिक विकेट लिए हैं और भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बने हुए हैं। उनके खिलाफ जानबूझकर रणनीति बनाना ऑस्ट्रेलियाई टीम की desperation को दर्शाता है.

भविष्य की रणनीति

इस घटना के बाद सवाल उठता है कि क्या ऑस्ट्रेलियाई टीम अगली बार किस खिलाड़ी को टारगेट करेगी। सूत्रों के अनुसार, अगला निशाना ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल हो सकते हैं, जिनके खिलाफ भी कोंस्टास को इसी तरह की रणनीति अपनाने के लिए कहा जा सकता है.

इस विवाद ने एक बार फिर से क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा और मानसिक खेल के महत्व को उजागर किया है। सैम कोंस्टास की गलती ने न केवल उन्हें बल्कि पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वे इस तरह की रणनीतियों को अपनाकर अपने खेल को आगे बढ़ा सकते हैं।

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