इंदौर में भीख देने पर होगी FIR, जानिए अब तक भारत का कौन-कौनसा राज्य हैं भिखारी मुक्त   

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इंदौर में भिखारियों को भीख देने पर एफआईआर का प्रावधान लागू होने जा रहा है। यह नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा और इसका उद्देश्य शहर को भिखारी मुक्त बनाना है। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इस पहल की जानकारी दी और नागरिकों से अपील की कि वे भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें। इस अभियान के तहत प्रशासन ने जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जो दिसंबर के अंत तक जारी रहेगा।

इंदौर में भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल

इंदौर

इंदौर, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर, जिसे स्वच्छता में नंबर-1 का दर्जा प्राप्त है, अब भिखारी मुक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। प्रशासन ने इस कदम को उठाने का निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि भिक्षावृत्ति अब एक संगठित धंधे में बदल गई है। कई भिखारी ऐसे पाए गए हैं जो ड्रग्स के लिए भीख में मिले पैसे का इस्तेमाल करते हैं या फिर गिरोह के माध्यम से मजबूर लोगों को भिक्षावृत्ति के लिए प्रेरित करते हैं.

कानूनी कार्रवाई का आधार

कलेक्टर ने बताया कि मध्य प्रदेश भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम, 1973 के तहत भीख मांगना दंडनीय अपराध है। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक भिखारी को भीख देने पर कोई कानून नहीं बनाया है, लेकिन इस नए नियम के तहत यदि कोई व्यक्ति भीख देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

जागरूकता अभियान

इंदौर प्रशासन ने इस पहल को सफल बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। कलेक्टर ने कहा कि यह अभियान नागरिकों को यह समझाने के लिए है कि भिक्षावृत्ति केवल एक सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि यह एक अपराध भी है। प्रशासन ने पिछले कुछ महीनों में ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश किया है जो लोगों को मजबूर कर भिक्षावृत्ति कराते हैं.

भारत के अन्य शहर जहां भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध

केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारत के विभिन्न शहरों को भिखारी मुक्त बनाने की योजना बनाई गई है। इनमें शामिल हैं:

– दिल्ली

– बेंगलुरु

– चेन्नई

– हैदराबाद

– लखनऊ

– मुंबई

– नागपुर

– पटना

– अहमदाबाद

इन शहरों में भी प्रशासनिक प्रयास किए जा रहे हैं ताकि भिक्षावृत्ति पर नियंत्रण पाया जा सके और लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके.

इंदौर में भिखारियों को भीख देने पर एफआईआर का प्रावधान एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल शहर की छवि को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने की दिशा में भी एक प्रयास है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस मुहिम में सहयोग करें और भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें।

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