जानिए कितनी संपत्ति के मालिक थे Ustad Zakir Hussain

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Ustad Zakir Hussain भारतीय तबला वादक और संगीतकार, का जीवन केवल संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए ही नहीं, बल्कि उनके वित्तीय समृद्धि के लिए भी जाना जाता है। उनका निधन 15 दिसंबर 2024 को हुआ, और उनके पीछे एक अद्वितीय संगीत विरासत और वित्तीय संपत्ति का एक महत्वपूर्ण धरोहर छोड़ गया।

Ustad Zakir Hussain का प्रारंभिक जीवन और करियर

Ustad Zakir Hussain

ज़ाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को महाराष्ट्र में हुआ। वे प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला राखा के बेटे थे। ज़ाकिर ने 12 वर्ष की उम्र में अपने पहले मंच प्रदर्शन में केवल 5 रुपये की फीस प्राप्त की थी, जो उनके करियर की शुरुआत थी। धीरे-धीरे, उन्होंने अपनी कला में महारत हासिल की और विश्व स्तर पर एक प्रमुख तबला वादक के रूप में पहचान बनाई।

वित्तीय सफलता

ज़ाकिर हुसैन का कुल नेट वर्थ लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 8.48 करोड़ रुपये) था। उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते, जिनमें पांच ग्रैमी पुरस्कार शामिल हैं। उनकी एकल प्रदर्शन के लिए चार्ज किए जाने वाले शुल्क ₹5 लाख से ₹10 लाख तक थे, जो उनकी लोकप्रियता और मांग को दर्शाता है.

आय के स्रोत

ज़ाकिर हुसैन की आय के मुख्य स्रोत निम्नलिखित थे:

संगीत प्रदर्शन: उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन किया।

फिल्म संगीत: उन्होंने कई फिल्मों में संगीत दिया, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय मिली।

शिक्षण: वे कई युवा संगीतकारों को प्रशिक्षित करते थे, जिससे उन्हें स्थायी आय का स्रोत मिला।

विरासत और सम्मान

ज़ाकिर हुसैन को भारतीय संगीत में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले, जैसे कि:

पद्म श्री (1988)

पद्म भूषण (2002)

पद्म विभूषण (2023)

 इन पुरस्कारों ने उनकी कला और योगदान को मान्यता दी। उनका निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है, क्योंकि उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 व्यक्तिगत जीवन

ज़ाकिर हुसैन का परिवार भी संगीत से भरा हुआ है। उनकी पत्नी एंटोनिया मिननेकोला हैं और उनके दो बच्चे हैं – इसाबेला कुरैशी और अनिसा कुरैशी। उनका परिवार इस कठिन समय में गहरे दुख में है, लेकिन उनकी संगीत विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का जीवन केवल एक महान संगीतकार के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत के रूप में भी देखा जाएगा। उनकी वित्तीय सफलता उनके कला के प्रति समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से न केवल खुद को बल्कि भारतीय संगीत को भी ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

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