लखनऊ में ढाई साल के बच्चे शिवांश की मौत एक गुब्बारे के फटने से हुई, जिसने उसके परिवार में गहरा दुःख पैदा कर दिया है। यह घटना लखनऊ के ठाकुरगंज क्षेत्र में घटी, जहां शिवांश अपने घर के बाहर खेल रहा था। उसके परिजनों ने उसे एक गुब्बारा पकड़ा दिया था, जिसे वह खुश होकर फुलाने की कोशिश कर रहा था। अचानक गुब्बारा फट गया और उसकी रबर बच्चे के गले में फंस गई, जिससे उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगी।
घटना का विवरण
शिवांश जब गुब्बारे से खेल रहा था, तभी वह फट गया और उसकी रबर उसके गले में फंस गई। इससे बच्चे को तुरंत सांस लेने में दिक्कत होने लगी। परिजन उसे नजदीकी निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए ट्रॉमा सेंटर भेजने की सलाह दी। ट्रॉमा सेंटर पहुंचने पर डॉक्टरों ने शिवांश को मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है, और उनके लिए यह एक बड़ा सदमा बन गया है।
परिवार का दुःख
शिवांश के माता-पिता का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक साधारण सा गुब्बारा उनकी खुशियों को इस तरह छीन लेगा। परिवार ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के शव का पंचनामा करवा कर अंतिम संस्कार किया। इस घटना ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे इलाके को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। लोग इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे एक साधारण खेल भी इतनी भयानक स्थिति पैदा कर सकता है।
सुरक्षा उपाय
यह घटना सभी माता-पिता के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें बच्चों को खेलने के लिए ऐसी चीजें देने से बचना चाहिए जो खतरनाक हो सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि छोटे बच्चों को गुब्बारे, बटन सेल, चना, मटर या सिक्के जैसी चीजों से दूर रखना चाहिए, क्योंकि ये वस्तुएं बच्चों की नाक, गले या कान में फंस सकती हैं और जानलेवा साबित हो सकती हैं।
डॉक्टरों की सलाह:
– बच्चों को गुब्बारे जैसे खतरनाक खिलौनों से दूर रखें।
– हमेशा बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें।
– खिलौनों का चयन करते समय उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए माता-पिता को सतर्क रहना चाहिए। किसी भी छोटी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें ऐसी चीजों से दूर रखना और उनके खेलने की गतिविधियों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।
यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि बच्चों की सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।