क्रिकेट एक टीम गेम हैं. इस खेल में जीत के लिए खिलाड़ियों को व्यक्तिगत प्रदर्शन के साथ-साथ अन्य खिलाड़ियों को भी सहयोग करना पड़ता हैं. क्रिकेट में ऐसे कई मौके देखने को जब एक खिलाड़ी अपना नुक्सान करते हुए अपने साथी खिलाड़ियों को आगे बढ़ाया हैं. आज इस लेख में हम ऐसे ही पांच मौको के बारे में बात करेंगे.आईपीएल 2022: ये हैं चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ियों की खूबसूरत WAGs
1) गौतम गंभीर ने अपना मैन ऑफ द मैच विराट कोहली को दिया
भारत को श्रीलंका के खिलाफ ईडन गार्डन्स (2009) में 315 रनों का विशाल लक्ष्य हासिल करना था. इस मैच में गंभीर और कोहली ने 224 रनों की यादगारी साझेदारी बनाते हुए अपनी टीम की जीत में अहम भुमिका अदा की थी. कोहली ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 107 रन बनाकर अपना पहला शतक बनाया था.
हालांकि गौतम 150 रन बनाकर नाबाद रहे और जीत सुनिश्चित की. मैच के बाद जब मैन ऑफ द मैच का अवार्ड गौतम को दिया गया, तो उन्होंने इसे कोहली को युवा खिलाड़ी के प्रयासों की सराहना के रूप में दिया.
2) रिचर्ड हेडली ने नहीं एक टेस्ट पारी में 10 विकेट
कीवी ऑलराउंडर रिचर्ड हेडली ने ब्रिसबेन में अपने करियर यादगार स्पेल डालते हुए 9/52 का प्रदर्शन किया था. इस मैच में वह 10वीं विकेट ले सकते थे और जिम लेकर के बाद एक पारी में 10 विकेट लेने का कारनामें की बराबरी कर सकते थे हालाँकि उन्होंने निस्वार्थ कीवी टीम के लिए अपना निजी रिकॉर्ड नहीं देखा. इस मैच में उनके साथी गेंदबाज वॉन ब्राउन ने 9वीं विकेट ली थी और इस विकेट में हेडली का योगदान गेंदबाज से भी ज्यादा था. दरअसल उन्होंने एक दौड़कर एक यादगार कैच पकड़ी थी.
3) श्रीनाथ ने दिया कुंबले को 10 विकेट लेने का मौका
अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली के फिरोज़ शाह कोटला मैदान पर एक पारी में 10 विकेट लिए थे. इस पारी में इस तरफ से कुंबले गेंदबाजी कर रहे थे जबकि दूसरी तरह से जवागल श्रीनाथ कर रहे थे और और पाकिस्तानी बल्लेबाज वकार युनिस अपनी विकेट गवाने का मौके ढूढ़ रहे थे लेकिन श्रीनाथ ने लगातार ऑफ साइड के बाहर गेंद डालकर कुंबले को 10 विकेट लेने का मौका दिया था.आईपीएल 2022: ये हैं चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ियों की खूबसूरत WAGs
4) रोहित के 264 रन में उथप्पा का अहम योगदान
2014 में भारत और श्रीलंका के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज खेली गयी थी. ये सीरीज उथप्पा और साहा के लिए टीम में जगह बनाने के लिए अहम मानी जा रही थी. सीरीज के पहले तीन मैचों में साहा को मौका मिला था जबकि आखिरी दो मैचों में उथप्पा को खिलाया गया था.
इस मैच में उथप्पा भारत के स्कोर 276/4 पर बैटिंग करने आए. इस दौरान दूसरे छोर पर रोहित 155 रनों पर नाबाद थे और आखिरी 9 ओवर बाकि थे. इस दौरान उथप्पा ने केवल 16 गेंदे खेली जबकि रोहित ने अंतिम 54 गेंदों में से 43 गेंदे खेलकर 91 रन बनाकर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. इस मैच में उथप्पा सक्रिफाइस नहीं करते तो शायद रोहित ये वर्ल्ड रिकॉर्ड नहीं बना पाते.
5) वर्ल्ड कप सेमी फाइनल में बिना आउट दिए पवेलियन लौट गिलक्रिस्ट
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के साथ-साथ अपनी ईमानदारी के लिए भी जाने –जाते हैं. श्रीलंका के विरुद्ध वर्ल्ड कप सेमीफाइनल जैसे अहम मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 5 ओवर में 34 रन बना लिए थे. जिसके बाद गिलक्रिस्ट ने अरविन्द डी सिल्वा की गेंद पर एक स्वीप शॉट खेलने की कोशिश की और गेंद उनके बल्ले का एज लेकर गयी हालाँकि अंपायर को पता नहीं चला की गेंद बैट को छूकर गयी हैं. इसके बाद गिलक्रिस्ट अंपायर के बिना आउट दिए थे वापसी पवेलियन लौट गए.