हाल ही में पाकिस्तान से एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक बेटे ने अपनी मां की दूसरी शादी का आयोजन किया है। इस वीडियो में बेटे की भावनाएं और मां के प्रति उसका प्यार स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यह घटना न केवल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी, बल्कि लोगों के दिलों को भी छू गई है।
वीडियो का सारांश
इस वायरल वीडियो में अब्दुल अहद नामक युवक अपनी मां को डोली में बैठते हुए देखता है और उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे उसने अपनी मां के लिए एक नए जीवन की शुरुआत करने का निर्णय लिया। अब्दुल ने बताया कि उनकी मां ने 18 साल तक उनकी परवरिश की और अब वह चाहती हैं कि वह अपनी जिंदगी को फिर से जी सकें। उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि वह एक शांतिपूर्ण और प्यार भरे जीवन की हकदार हैं। इसलिए, मैंने एक बेटे के रूप में उन्हें जीवन में दूसरा मौका देने का निर्णय लिया”.
F’ck BGT. Ye kya dekh lia subh subh😭😭 pic.twitter.com/4YfHRh21Y3
— cringeboisofindia (@mojcop) December 30, 2024
सच्चाई का खुलासा
हालांकि, इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रामक दावे किए गए थे कि अब्दुल ने अपनी मां से शादी कर ली है। लेकिन सच यह है कि उसने अपनी विधवा मां की दूसरी शादी कराई है। एबीपी न्यूज और अन्य स्रोतों ने इस दावे की पुष्टि की है कि यह खबर पूरी तरह से गलत थी। अब्दुल ने अपने इंस्टाग्राम पर साझा किए गए पोस्ट में बताया कि उन्होंने अपनी मां के लिए एक खुशहाल जीवन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया.
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस वीडियो को देखने के बाद लोगों ने अब्दुल की सोच की सराहना की। कई उपयोगकर्ताओं ने उनके फैसले को प्रेरणादायक बताया और कहा कि ऐसे बेटे हर मां के लिए एक मिसाल हैं। एक यूजर ने लिखा, “तुम्हारी सोच प्रेरणादायक है।” वहीं दूसरे ने कहा, “तुमने जो किया वह समाज के लिए एक मिसाल है”.
भावनात्मक पहलू
अब्दुल का यह कदम न केवल व्यक्तिगत स्तर पर महत्वपूर्ण था, बल्कि यह सामाजिक मान्यताओं को भी चुनौती देता है। उन्होंने अपने निर्णय के बारे में बताते हुए कहा कि समाज में महिलाओं की खुशियों और अधिकारों को सीमित करने वाली बेड़ियों को तोड़ने की आवश्यकता है। उनकी मां ने अपने जीवन के कई साल अपने बच्चों की देखभाल में बिताए हैं, और अब वह अपने लिए भी खुश रहने का हक रखती हैं.
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि परिवार के सदस्यों के प्रति हमारा कर्तव्य केवल उनकी देखभाल करना नहीं होता, बल्कि उन्हें खुश रहने का अवसर भी देना चाहिए। अब्दुल का यह कदम न केवल उनकी मां के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक संदेश लेकर आया है।