कोरोना महामारी को अब एक साल से अधिक का समय हो चूका हैं, इससे सबसे अधिक प्रभावित इंडियन रेलवे हुआ हैं. फ़िलहाल कोरोना की दूसरी लहर से देश बाहर निकलने के बेहद करीब हैं हालाँकि अब भी रेल सिर्फ सिमित संख्याओं के साथ ही चल रही हैं. फिलहाल कन्फर्म टिकट के बिना लंबे सफर की अनुमति नहीं हैं.
भारतीय रेलवे की सख्ती के बावजूद प्रतिदिन बिना टिकेट के काफी लोग सफर रहे हैं. हालाँकि इसे रोकने के लिए प्रसाशन ने 16 जुलाई तक यात्रियों से एक करोड़ से अधिक का जुर्माना वसूला जा चूका हैं. रेलवे अधिकारियों का कहना हैं कि बिना टिकेट के यात्रा करने वालों पर रोक लगाने के लिए लगातार जुर्माना लगाया जाएगा.
देश में कोरोना संक्रमण दर कम होने के साथ रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. जबकि लोकल ट्रेनें भी धीरे-धीरें पटरी पर लौट रही हैं. यही कारण हैं कि बिना टिकेट के यात्रा करने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा हैं. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार फिलहाल कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को ट्रेन में सफर करने की अनुमति है. दरअसल लंबी दूरी की ट्रेनों के सामान्य श्रेणी कोच में यात्रा करने के लिए भी सीट आरक्षित कराना पड़ता है.
जब कोरोना संक्रमण दर अधिक थी तब केवल कंफर्म टिकट वालों को प्लेटफार्म पर जाने दिया जाता था, हालाँकि अब प्लेटफार्म टिकट की बिक्री शुरू कर दी गई हैं और कुछ लोकल ट्रेने भी अब पटरी पर लौट आई हैं, जिससे अब सख्ती कुछ कम हो गई हैं. इसी का फायदा उठाकर कुछ यात्री बिना टिकेट या प्लेटफार्म लेकर ही ट्रेन में सवार हो जाते हैं.
उत्तर रेलवे के जेनेरल मेनेजर आशुतोष गंगल ने बताया कि बेटिकट यात्रियों को ट्रेन में यात्रा करने से रोकने के लिए स्टेशनों व ट्रेनों में एक बड़ा जांच अभियान चलाया जा रहा है. 1 से 16 जुलाई तक बिना टिकेट यात्रा करने वाले कुल 22,410 यात्रियों से 1.17 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला जा चूका हैं. इस दौरान 175 यात्री जुर्माना देने में सक्षम नहीं थे, जिसके कारण उन्हें रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया.