आज का समय ऐसा है कि बच्चे अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए अपने घर वालों के खिलाफ जाने में बिल्कुल भी नहीं घबराते हैं यहां तक की अपने घर वालों से अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए बगावत भी कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां बच्चे से अपनी बात मनवाने के लिए पिता ने उसे जायदाद से बेदखल करने की धमकी दी है । आपको बता दें कि यह मामला बिहार के समस्तीपुर जिले एक छोटे से गांव का है। इस गांव में रहने वाले सुधांशु कुमार ने आज के युवाओं के लिए एक अनोखी मिसाल पेश की है। बात करें सुधांशु कुमार की तो उन्होंने दिल्ली कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी करके टाटा टी गार्डन मैं अपनी नौकरी शुरू कर दी थी लेकिन ऐसा करने के बाद भी उन्हें संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी।
इसी संतुष्टि ना मिलने के कारण उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपने पैतृक गांव बिहार में लौट आए ।उनके इस फैसले से काफी नाराज हुए और अपने बेटे को समझाने लगे कि इतनी अच्छी पढ़ाई और नौकरी छोड़कर तुम गांव वापस क्यों आ गया गांव वापस आकर तुमने अच्छा नहीं किया। सुधांशु इतनी अच्छी नौकरी होने के बाद भी अपने गांव में खुद का कोई व्यवसाय करना चाहते थे वे अपने ही गांव में रहकर खेती-बाड़ी करना चाहते थे। लेकिन उनके पिता को यह मंजूर नहीं था। उनके पिता का कहना था कि अगर तुम गांव में भी रहकर खेती-बाड़ी करोगे तो मैं तुम्हें जायदाद से बेदखल कर दूंगा।
उनके पिता का कहना था कि हमारे रिश्तेदार क्या कहेंगे कि बेटा इतना पढ़ा-लिखा होकर भी गांव में खेती बाड़ी कर रहा है। लेकिन सुधांशु मैं अपनी पिता की बात ना मानकर गांव में ही खेती करने का फैसला किया। उन पर खेती करने का सवार था । उन्होंने अपने पिता से कहा कि मुझे एक मौका जरूर दें मैं नौकरी से ज्यादा खेती करने में ज्यादा समर्थ हूं और इसमें ज्यादा पैसे कमा सकता हूं। सुधांशु का कहना था कि बिहार में मक्के की खेती करना बहुत ही मुश्किल है लेकिन वह इस खेती को आधुनिक पद्धति से करना चाहते थे और उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की उसके बाद से उन्होंने मक्के की खेती करने के लिए मशीनरी का इस्तेमाल किया और इसी के चलते हैं आज उनका व्यवसाय सालाना 30 से 40 लाख रुपए हो गया है।
कई बार सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है
सुधांशु कि इसी मेहनत और लगन के कारण उन्हें कई बार केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने सम्मानित किया है। वह अपनी खेती बाड़ी की नई तकनीक को लेकर काफी चर्चा में भी रहे हैं। आज सुधांशु अपने ही क्षेत्र में रहकर अपना एक इंडियन फार्मिंग नेटवर्क बनाया है जिसके चलते उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर इंडियन फार्मिंग नेटवर्क के महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया है।